उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट बाहुबली धनजय सिंह के कारण चर्चा में है। बरेली जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद धनंजय सिंह अपनी पत्नी श्रीकला सिंह के प्रचार के लिए जौनपुर पहुंच गए है। श्रीकला सिंह बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने कृपा शंकर सिंह और सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। 

2009 में धनंजय सिंह ने जौनपुर से बीएसपी की टिकट पर जीत हासिल की थी। 2014 में बीजेपी के कृष्ण प्रताप सिंह ने जीत का परचम लहराया था। 2019 में बीएसपी के श्याम सिंह यादव ने जौनपुर पर कामयाबी पाई। इस बार काफी इंतजार के बाद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी सिंह ने चुनाव लड़ने की घोषणा की। धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी के एक मामले में सात साल के सजा सुनाई गई है। हाईकोर्ट ने धनंजय की जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। कोर्ट ने धनंजय की सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया है।

धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला के मैदान में आने के बाद जौनपुर लोकसभा सीट का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। धनंजय सिंह के आने की खबर मिलने पर उनके समर्थक एकजुट होने लगे है। बीएसपी के परंपरागत वोट के साथ धनंजय सिंह अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर देने की क्षमता रखते है। 

दो मई को जौनपुर पहुंचने के बाद धनंजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा नमस्ते जौनपुर, मैं अपने शहर जौनपुर पहुंच गया हूं और आपके समर्थन और प्यार से अभिभूत हूं। धनंजय सिंह ने अपने समर्थकों को बताया कि आदर्श चुनाव संहिता और धारा 144 लागू है। इसलिए कोई ऐसा काम न करे जो कानून के खिलाफ हो। पत्रकारों से बात करते हुए धनंजय सिंह ने कहा कि उसे झूठे मुकदमे में सजा हुई है। 2020 में उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा बनाया गया था। श्रीकला रेड्डी सिंह इस समय जिला पंचायत की प्रधान है। 

धनंजय सिंह जेल में बैठ कर भी अपनी राजनीति को जारी रखे हुए थे। धनंजय सिंह के प्रभाव को कम करने के लिए ही राज्य सरकार ने उनको जौनपुर से बरेली जेल भेजा था। बरेली जेल में धनंजय सिंह को हाई सिक्योरिटी बैरेक में रखा गया था। धनंजय सिंह को बरेली पहुंचे कुछ ही समय हुआ था कि हाई कोर्ट से जमानत का आदेश आ गया। धनंजय सिंह के आते ही विरोधी पार्टियों के कान खड़े हो गए है। धनंजय सिंह की शुरू से ठाकुर मतदाताओं पर अच्छी पकड़ है। धनंजय सिंह की काट के लिए ही बीजेपी ने ठाकुर कृपा शंकर सिंह को मैदान में उतारा है। 

जौनपुर लोकसभा सीट के नतीजे हमेशा ही राजधानी दिल्ली में बैठे सियासी पंडितो को चौंकाते रहे है। जौनपुर को गंगा जमुनी तहजीब और मूली मक्के की खेती के लिए जाना जाता है। इमरती की स्वादिष्ट मिठाई और खशबुदार इत्र के लिए भी जौनपुर की पहचान है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित जौनपुर विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। सिंचाई और रोजगार जौनपुर की प्रमुख समस्या है। जौनपुर से विस्थापित होकर मायानगरी मुंबई गए लोगों की सफलता का अलग ही जलवा है। बीजेपी उम्मीदवार कृपा शंकर सिंह भी ऐसे ही इंसान है। उनको महाराष्ट्र में यूपी की आवाज कहा जाता है।

जौनपुर में ब्राह्मण मतदाता 16 प्रतिशत और ठाकुर मतदाता 14 प्रतिशत है। लेकिन राजनीतिक परिदृश्य पर पूरी तरह से राजपूत छाए रहे है। अभी तक हुए 17 चुनावों में से 11 बार राजपूत, 4 बार यादव और दो बार ब्राह्मण उम्मीदवार कामयाब हुए है। जौनपुर से छह बार कांग्रेस, पांच बार जनसंघ और बीजेपी को मौका दिया है। पिछले तीस वर्ष से कांग्रेस को जौनपुर से सफलता नहीं मिली है। 1999 में जौनपुर से बीजेपी के स्वामी चिन्मयानंद जीत मिली थी और उनको अटल बिहारी बाजपेई की सरकार में मंत्री बनाया गया था। उनके अलावा जौनपुर के किसी सांसद को केंद्र में मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है। 

पिछले दो दशक से जौनपुर की राजनीति धनंजय सिंह के आसपास ही घूम रही है। 2002 में धनंजय सिंह की राजनीति में शुरुआत हुई थी। 2002 और 2007 में धनंजय सिंह रारी से विधानसभा के सदस्य चुने गए। उनका संबंध लोक जनशक्ति पार्टी और जेडीयू से भी रहा है। 2009 में बीएसपी की टिकट पर लोकसभा के सदस्य चुने गए। आज भी धनंजय सिंह की हनक बरकरार है। उन पर 41 मुकदमे लिखे गए थे। चुनाव से ठीक पहले एक में सजा हो गई। दस अभी चल रहे है। 

जौनपुर में श्रीकला रेड्डी सिंह का भी अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। श्रीकला धनंजय सिंह की तीसरी पत्नी है। उनकी शादी 2017 में हुई थी। शादी से पहले श्रीकला बीजेपी की कार्यकर्ता थी। दक्षिण भारत से संबंध रखने वाली श्रीकला रेड्डी ने अपना पर्चा जमा करवा दिया है। एक जनसभा में ठेठ देहाती अंदाज में श्रीकला ने कहा कि हम धनंजय सिंह की मेहरारू है। हम तुम्हारी बहु है। अगर वोट नहीं दिया तो झगड़ा करने आ जायेगी। जनसंपर्क अभियान के दौरान एक समोसे की दुकान पर खड़े लोगों से श्रीकला वोट मांगने लगी। एक अन्य दुकान पर वह गोलगप्पे खाने लग गई। जौनपुर में श्रीकला के वोट मांगने के अंदाज की भी चर्चा है। 

धनंजय सिंह बीजेपी के कृपा शंकर सिंह और सपा के बाबू सिंह कुशवाहा को बाहरी बता रहे है। जानकारों का मानना है कि जौनपुर में बसपा और सपा में मुकाबला होगा। जौनपुर में बीजेपी हाशिए पर ही दिखाई देती है।