पश्चिमी बंगाल की आसनसोल सीट पर टीएमसी के फिल्म स्टार शत्रुघन सिन्हा और बीजेपी के एसएस अहलूवालिया के बीच मुकाबला हो रहा है। बीजेपी ने पहले भोजपुरी गायक पवन सिंह को टिकट दिया था। आसनसोल में 13 मई को चौथे चरण में मतदान होगा। 

एस एस अहलूवालिया इस समय बंगाल की बर्दवान सीट से सांसद है। 2019 के आम चुनाव में अहलूवालिया ने टीएमसी की ममताज संघमित्रा को हराया था। एस एस अहलूवालिया राजनीति के पुराने खिलाड़ी है। 1986 से 2012 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे। नरसिंह राव सरकार में उनको राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। वे राज्यसभा में उप नेता का दायित्व भी निभा चुके है। 1999 में एस एस अहलूवालिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2014 में अहलूवालिया ने दार्जलिंग सीट से जीत हासिल की थी। 

तृणमूल कांग्रेस का गठन 1998 में हुआ था। लेकिन आसनसोल लोकसभा सीट जीतने का टीएमसी का सपना 2022 के उप चुनाव में शत्रुघन सिन्हा ने पूरा किया। इससे पहले तृणमूल को छह बार सीपीएम और बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनाव के बाद आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो बीजेपी छोड़ कर तृणमूल में शामिल हो गए थे। बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर शत्रुघन सिन्हा जीते थे। तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर सिन्हा को मैदान में उतारा है।

शत्रुघन सिन्हा भी राजनीति के पक्के खिलाड़ी है। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत फिल्म स्टार राजेश खन्ना के खिलाफ उप चुनाव लड़ने से हुई थी। चुनाव राजेश खन्ना जीत गए थे। लेकिन उन्होंने दोबारा कभी शत्रुघन सिन्हा से बात नहीं की। सिन्हा ने संबंध बनाने की कोशिश की जो सफल नहीं हो सकी। शत्रुघन सिन्हा बीजेपी की ओर से राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रहे। अटल बिहारी वाजपेई सरकार में मंत्री रहे। लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद शत्रुघन सिन्हा की स्थिति अच्छी नहीं रही। शत्रुघन सिन्हा ने कांग्रेस में जाकर अपनी किस्मत आजमाई। लेकिन कांग्रेस की ओर से सिन्हा कोई चुनाव नहीं जीत सके। आसनसोल से उम्मीदवारी सिन्हा और तृणमूल दोनो के फायदे में रही। 

आसनसोल बिहार की सीमा से लगा जिला है। बीजेपी ने भोजपुरी फिल्मों के नायक और गायक पवन सिंह को टिकट देकर विवाद मोल ले लिया था। पवन सिंह के कुछ गानों में महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक शब्द प्रयोग किए गए थे। बंगाल के लोगो के प्रति भी कुछ गलत टिप्पणी थी। बीजेपी के पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई। बाद में पवन सिंह को टिकट देने का फैसला बदला गया।

बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया का जन्म और शिक्षा आसनसोल में ही हुई है। आसनसोल कोलकत्ता के बाद पश्चिमी बंगाल का सबसे बड़ा शहर है। आसनसोल अपने कीमती खनिज पदार्थों के लिए जाना जाता है। आसनसोल में भारत का साइकिल का सबसे बड़ा कारखाना भी है। दुनिया के एक सौ सबसे तेजी से विकसित हो रहे शहरों में आसनसोल का नाम भी है। संदेशखली की घटना के बाद पूरे वेस्ट बंगाल में बीजेपी के पक्ष में माहौल बन रहा है। शत्रुघन सिन्हा और एस एस अहलूवालिया ने अपने नामांकन पत्र जमा करवा दिया है। आसनसोल में आने वाले दिनों में अच्छा मुकाबला देखने को मिल सकता है।