लोकसभा चुनाव में पंजाब की धरती पर चार कोणीय मुकाबला होना तय हो गया है। बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर अकाली दल से गठबंधन की संभावना पर विराम लगा दिया है। देश के कुछ राज्यों में मिल कर चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भी पंजाब में अकेले जाने का फैंसला किया है।

पंजाब में कांग्रेस और अकाली दल को कमजोर कड़ी माना जा रहा है। कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और आप के सांसद सुशील रिंकू को अपने साथ मिला कर बीजेपी ने पूरी बाजी ही पलट दी है। तय माना जा रहा है कि पंजाब में मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में होगा। आप पंजाब की सत्ता से जुड़ी मुख्य पार्टी है। पंजाब के हरेक गांव कस्बे तक आम आदमी पार्टी की पहुंच है। 

दूसरी तरफ बीजेपी पहली बार अकाली दल से अलग होकर पंजाब की सभी सीटों पर लड़ने जा रही है। यहां यह बताना भी दिलचस्प होगा कि बीजेपी और अकाली दल का गठबंधन न होने से कोई खास फर्क पड़ने वाला नहीं है। पंजाब के बहुसंख्यक गांवों में अलग अलग कारणों से बीजेपी और अकाली दल दोनों की ही एंट्री बंद है।इस समय देश की राजनीति पर बीजेपी का एकछत्र राज है और संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है। इसके बाद भी पंजाब में बीजेपी की डगर आसान नहीं है।

आम आदमी पार्टी ने पंजाब में आठ उम्मीदवारों की घोषणा करके लीड लेने की कोशिश की थी। आप ने श्री अमृतसर साहिब से कुलदीप सिंह धालीवाल, खंडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, संगरूर से गुरमीत सिंह मीत, पटियाला से डा बलवीर सिंह, भटिंडा से गुरमीत सिंह खुड़ियां, फतेहगढ़ साहिब से गुरप्रीत सिंह और फरीदकोट से कर्मजीत अनमोल को टिकट दिया गया है। इनमे से पांच भगवंत मान की कैबिनेट के सदस्य है।मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू को जालंधर से टिकट दिया गया था। लेकिन रिंकू ने बीजेपी का दामन थाम लिया।

बीजेपी ने अभी पंजाब से अपने उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है। लेकिन कम से कम आठ नाम फाइनल माने जा रहे है। लुधियाना से रवनीत सिंह बिट्टू, पटियाला से प्रणीत कौर, आनंदपुर साहिब से अविनाश राय खन्ना, श्री अमृतसर साहिब से तरनजीत सिंह संधू, भटिंडा से मनप्रीत बादल, फिरोजपुर से राणा सोढ़ी, गुरदासपुर से फतेहजंग सिंह बाजवा और जालंधर से सुशील रिंकू का नाम तय माना जा रहा है।

बीजेपी के मनप्रीत बादल को टिकट देने से भटिंडा में एक बार फिर बादल बनाम बादल की जंग देखने को मिल सकती है। अकाली दल की और से हरसिमरत कौर बादल का लड़ना पक्का माना जा रहा है। हरसिमरत और मनप्रीत में देवर भाभी का रिश्ता है और पहले भी भटिंडा में इनकी भिड़ंत होती रही है। भटिंडा से सरुप चंद सिंगला और दया सिंह सोढी के नाम की भी चर्चा है। 

प्रणीत कौर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पत्नी है। पटियाला से प्रणीत कौर कई चुनाव जीत चुकी है। वे डा मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुकी है। राणा सोढ़ी भी कैप्टन अमरिंदर के खास है। सोढ़ी कई बार गुरुहर सहाय से विधायक चुने जा चुके है। वे कैप्टन सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके है। फिरोजपुर से पंजाब बीजेपी के प्रधान सुनील जाखड़ के नाम की भी चर्चा है।

अविनाश राय खन्ना बीजेपी के सीनियर नेता है। वे लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रह चुके है। पंजाब बीजेपी के प्रधान की जिम्मेदारी निभाने का भी मौका मिला है। तरनजीत सिंह संधू पूर्व अफसर है और हाल में ही बीजेपी में आए है।

कांग्रेस के हाथ में सबसे बड़ा पत्ता मनीष तिवारी के रूप में है। मनीष तिवारी के आनंदपुर साहिब, लुधियाना और चंडीगढ़ में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़ने की संभावना है। पटियाला से कांग्रेस ने डा धर्मवीर गांधी को टिकट देने की घोषणा कर दी है। डा गांधी ने 2014 में पटियाला से आप की लहर में प्रणीत कौर को हराया था। उस समय प्रणीत कौर कांग्रेस की उम्मीदवार थी।

पंजाब में आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर आने वाली है। विरोधी घोटाले के तार पंजाब सरकार से जोड़ रहे है। इसको लेकर ईडी की छापेमारी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने 2019 में पंजाब से केरल के बाद सबसे ज्यादा सीटें जीती थी। इस बार कांग्रेस के सामने पंजाब से खाता खोलने में भी मुश्किल होती दिख रही है। कांग्रेस के सामने गुटबंदी और नेतृत्व का अभाव सबसे बड़ी चुनौती है। अकाली दल की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है। अकाली बेअदबी के मामले में खोई अपनी साख को बचाने के लिए प्रयास कर रहे है। पूरे देश में अपनी जीत का परचम लहराने वाली बीजेपी पंजाब में आकर भीगी बिल्ली बन जाती है। बीजेपी के सामने बड़ी परेशानी किसान आंदोलन से उपजे अविश्वास पर काबू पाना है।