देश में आम चुनाव हो और सट्टा बाजार का जिक्र न हो, ऐसा कभी हो ही नहीं सकता। इस पर फलोदी सट्टा बाजार की तो बात ही अलग है। राजस्थान के एक छोटे से कस्बे फलोदी की नजर देश दुनिया की हरेक छोटी बड़ी घटना पर रहती है और उस पर दांव लगाया जाता है। लोकसभा चुनाव के दो चरण का मतदान पूरा होने के बाद फलोदी के सट्टा बाजार में गर्मी बढ़ गई है। फलोदी के सटोरिए बीजेपी को अपने दम पर साढ़े तीन सौ सीट दे रहे है। यहा स्पष्ट कर दे कि हम इस गैर कानूनी धंधे का कतई समर्थन नहीं करते और सिर्फ जानकारी और मनोरंजन के लिए इस पर बात कर रहे है।

फलोदी राजस्थान का एक छोटा सा कस्बा है। फलोदी के घर घर में सट्टे का कारोबार होता है। करीब तीन सौ लोग सट्टे के कारोबार में लगे है जिनका नेटवर्क देश भर में फैला है। यहां बात बेबात सट्टा लगाया जाता। बादल बरसेगे या सूखे निकल जायेगे, इस बात पर ही शर्त लग जाती है। कभी जूता उछालेगे तो सीधा गिरेगा या उल्टा, इसी पर दांव खेल दिया जाता है। लेकिन क्रिकेट और चुनाव सटोरियों के सबसे प्रिय विषय है। चुनाव अमेरिका में हो या इंडिया में, फलोदी सट्टा बाजार का पारा जरूर चढ़ता है। एक अनुमान के अनुसार आजकल फलोदी में हर रोज तीन सौ करोड़ का सट्टा लग रहा है। 

नित की जानकारी के आधार पर सट्टा बाजार से भाव निकलता है जिस पर देश भर के मीडिया, राजनीतिक पंडितों और पार्टियों की नजर रहती है। जिस उम्मीदवार का भाव कम होता है, उसके जीतने की संभावना ज्यादा होती है। जिस उम्मीदवार के जीतने की उम्मीद नहीं होती, उसका भाव भी नहीं निकलता। ऐसा नहीं कि सटोरियों का आकलन हमेशा ठीक बैठता है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में सट्टा बाजार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत दिखाई थी। फिर भी सट्टा बाजार की राय को महत्व दिया जाता है। सटोरिए जनता की नब्ज पकड़ने के लिए अखबार पढ़ते है, मीडिया रिपोर्ट देखते है, नेताओ की बाड़ी लेंग्वेज समझने की कोशिश करते है और मतदान प्रतिशत का विश्लेषण करते है।

राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित फलोदी मंडी का सट्टा कारोबार पांच सौ साल पुराना बताया जाता है। फलोदी के सटोरियों का मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस की पच्चीस साल बाद भी वापसी की कोई उम्मीद नहीं है। कांग्रेस को दो से तीन और बीजेपी 22 से 23 सीट पर जीत सकती है। बाड़मेर में कांग्रेस के उम्मेद राम बेनीवाल और आजाद उम्मीदवार रविंद्र भट्टी में कांटे की टक्कर चल रही है। बाड़मेर के भाव हर रोज बदल रहे है। भीलवाड़ा में कांग्रेस और बीजेपी में कड़ा मुकाबला है। बांसवाड़ा में बीजेपी और भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोट में दौड़ लगी है। नागौर की सीट भी बीजेपी की ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल के बीच फंसी है। 

विक्रमी संवत 1515 में सिद्धू कल्ला ने फलोदी की स्थापना की थी। फलोदी की पहचान नमक की मंडी के रूप में भी होती है। पहले दो चरण के मतदान के बाद फलोदी में देश भर की सीटो पर भी दांव खेला जा रहा है। पांच चरण का मतदान अभी बाकी है और मतगणना 4 जून को होगी। लेकिन फलोदी का सट्टा बाजार तीसरी बार मोदी सरकार बनने की भविष्यवाणी कर रहा है। सटोरियों के अनुसार बीजेपी अकेले 315 से 355 तक सीटे ले जा सकती है। कांग्रेस के 45 सीट पर सिमटने का कयास लगाया जा रहा है। सट्टा बाजार एनडीए के चार सौ के पास जाने के भी कयास लगा रहा है।

कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव की सटीक भविष्यवाणी कर फलोदी सट्टा बाजार ने खूब नाम कमाया था। देखना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव पर सटोरियों का अंदाज कितना सही बैठता है।