अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में कोई संदेह नहीं रह गया है। चुनाव की घोषणा के बाद जारी किए गए सर्वेक्षण भी इस ओर इशारा कर रहे है। दरअसल, 2014 में सत्ता में आने के बाद ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अश्वमेघ यज्ञ की शुरुआत कर रखी है। नोटबंदी, जीएसटी, तीन तलाक, धारा 370 और राम मंदिर बीजेपी के अश्वमेघ यज्ञ के हिस्से ही दिखाई दे रहे है। यूनिफार्म सिविल कोड, मथुरा और कांशी बीजेपी के अश्वमेघ यज्ञ के अगले पडाव मालूम होते है।

बीजेपी के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े की लगाम थामने के कोई कम प्रयास नहीं हो रहे। दुनिया के कई बड़े देश और देश विदेश के नामी गिरामी नेता बीजेपी के बढ़ते कदम रोकने को तत्पर है। अमेरिका छिपे और पाकिस्तान और चीन खुले आम बीजेपी की मोदी सरकार के खिलाफ दिखाई दे रहे है। छोटे देशों की सरकारें बदलने के लिए बदनाम जोर्ज सॉरेस ने मोदी सरकार को दुबारा सत्ता में न आने देने के लिए कसम उठा रखी है। देश में बोले तो राहुल गांधी, ममता बनर्जी, लालू यादव, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे जैसे नेता भी नरेंद्र मोदी से खार खाकर बैठे है। लेफ्ट पार्टियां और मजहबी संगठन भी बीजेपी के काम करने के तरीके से बैचेन है।

राम मंदिर निर्माण के बाद देश भर में राम लहर को महसूस किया जा रहा है। अयोध्या में श्रद्धालुओं की गिनती लगातार बढ़ती जा रही है। कांशी में ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा शुरू हो चुकी है।मथुरा समेत कई और मंदिरों के रास्ते भी आसान होते दिख रहे है।उत्साह से भरी बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया है।अभी तक आए सर्वे भी बीजेपी को 400 के पास दिखा रहे है।

चुनाव की घोषणा के बाद इंडिया टुडे के कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक सत्ता में बने रहने की बात कही है। बिहार की राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे पूर्व चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर ने भी माना है कि आने वाले कई दशक तक बीजेपी केंद्र की सत्ता पर काबिज रहने वाली है। जानकर मानते है कि अगले चालीस पचास साल तक दिल्ली दरबार पर बीजेपी का एकछत्र राज रहने वाला है। इस दौरान बीजेपी के सामने कोई बडी चुनौती नहीं आने वाली है। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन की फूट इसका जिंदा जागता सबूत है।

यक्ष प्रश्न यह है कि बीजेपी के अश्व मेघ यज्ञ की लगाम आखिर कौन थमेगा ? इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए हमे रामायण की तरफ ही देखना पड़ेगा। भगवान राम के अश्व मेघ यज्ञ के घोड़े की लगाम पकड़ने के लिए रावण के कुल से कोई नहीं आया था। राम के घोड़े को उनके पुत्र लव और कुश ने रोका था। बीजेपी के अश्व मेघ को रोकने की क्षमता भी किसी सेकुलर पार्टी में नहीं होगी। यकीन मानिए भारत में सेकुलर पार्टियों के जमाने अब लद चुके है। बीजेपी को रोकने वाली पार्टी बीजेपी से कहीं ज्यादा कट्टर हिंदुत्ववादी होगी। यह पार्टी आकर बीजेपी से बोलेगी अरे छोड़ो तुमसे ना हो पाएगा। कुल जमा बात इतनी है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर कांग्रेस, तृणमूल, आम आदमी पार्टी या समाजवादी पार्टी नहीं करेगी। बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने वाली पार्टी का अभी गठन होना है। बीजेपी को हरा कर प्रधानमंत्री बनने वाले नेता का अभी जन्म होना है। वह दिन देखने के लिए हम नहीं रहेंगे। इसलिए अपने आकलन को लिख दिए है ताकि सनद रहे|