जालंधर लोकसभा हल्के में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के उम्मीदवार चरणजीत चन्नी की वाट लग गई है। चन्नी को जालंधर से टिकट देने के बाद कांग्रेस में बगावत का सिलसिला शुरू हो गया है। जालंधर देश का सबसे बड़ा दल बदलने वाला लोकसभा हल्का बनने जा रहा है। जालंधर में अंतिम चरण में एक जून को मतदान होना है।

कांग्रेस ने जालंधर से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को टिकट देने की घोषणा क्या की, पार्टी में बगावत का सिलसिला शुरू हो गया। कांग्रेस के पूर्व सांसद चौधरी संतोख सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी ने दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की। संतोख सिंह का पिछले साल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। संतोख सिंह की मौत के बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस ने कर्मजीत कौर को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन आम चुनाव में चन्नी को टिकट देना चौधरी परिवार को पसंद नहीं आया। कर्मजीत कौर का बेटा विक्रमजीत सिंह फिल्लौर से विधायक है। विक्रमजीत भी बागी तेवर अपना रहे है। जालंधर के ताजिंद्र सिंह बिट्टू भी बीजेपी में चले गए है। बिट्टू आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी थे। अब पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह के पी के अकाली दल में जाने की चर्चा चल रही है। 

जालंधर लोकसभा सीट से दल बदल के सुशील कुमार रिंकू ने की थी। रिंकू ने जालंधर लोकसभा सीट का उप चुनाव आम आदमी पार्टी की टिकट पर जीता था। आम चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से रिंकू को अपना टिकट दिया था। लेकिन रिंकू कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में जा मिले। बता दे कि उप चुनाव से पहले ही रिंकू कांग्रेस छोड़ कर आम आदमी पार्टी में आए थे। 

उप चुनाव की तरह एक बार फिर जालंधर में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। बीजेपी ने सुशील कुमार रिंकू को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को मैदान में उतारा है। यदि महेंद्र सिंह के पी ने छलांग लगाई तो अकाली दल उनको जालंधर से लड़ा सकता है। आम आदमी पार्टी ने पवन कुमार टीनू को अपना उम्मीदवार बनाया है। टीनू अकाली दल से आम आदमी पार्टी में आए है।

जालंधर उप चुनाव अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी ने मिल कर लड़ा था। लेकिन आम चुनाव के लिए 

बसपा ने जालंधर से बलविंदर कुमार को टिकट देने की घोषणा की है। बलविंदर कुमार ने 2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव करतारपुर से लड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में बलविंदर कुमार को दो लाख चार हजार वोट मिले थे। बलविंदर कुमार बहुजन समाज पार्टी की पंजाब शाखा के सचिव है।

जालंधर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। जालंधर में पंजाब के सबसे ज्यादा दलित मतदाता है। चौधरी परिवार का कांग्रेस से आजादी से पहले का नाता था। कर्मजीत कौर एक रिटायर्ड कालेज प्राध्यापक है। कर्मजीत कौर के ससुर सरदार गुरबंता सिंह और जेठ चौधरी जगजीत सिंह भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे है। तजिंदर सिंह बिट्टू को प्रियंका गांधी के करीब माना जाता है। बिट्टू जालंधर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन भी रह चुके है। महेंद्र सिंह के पी की गिनती भी पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। ऐसे में जालंधर में चरणजीत चन्नी की राह मुश्किल दिखाई देती है।