लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होने में कुछ ही घंटों का समय बचा है। बीजेपी का चुनाव प्रचार पूरे जोर से चल रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी अपने पिछले दस सालों के काम गिनवाने के साथ भविष्य का खाका भी खींच रही है। लेकिन घर में घुस कर मारेगे बीजेपी की टैग लाईन बन गई है। सभी बीजेपी नेताओं द्वारा इस पर काफी जोर दिया जा रहा है।

बीजेपी के चुनाव प्रचार की मुख्य कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है। मोदी हर रोज औसतन तीन जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। इसके बाद योगी आदित्यनाथ, अमित शाह और राजनाथ सिंह का नंबर आता है। एस जयशंकर भी मोदी सरकार की नीतियों के बारे में पत्रकारों को बताते नजर आ रहे है। बीजेपी के प्रधान जे पी नड्डा, निर्मला सीतारमन और हेमंत विश्व शर्मा भी प्रचार में मुख्य भूमिका निभा रहे है।

बीजेपी चुनाव प्रचार में कट्टरवाद, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को मुख्य मुद्दा बना रही है। सभी नेताओ द्वारा घर में घुस कर मारेगे पर खास तौर पर जोर दिया जा रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव के समय मोदी सरकार ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इस चुनाव पाकिस्तान में भारत को वांछित आतंकियों को चुन चुन कर मारने का सिलसिला चल रहा है। आमिर सरफराज उर्फ तांबी इस कड़ी में ताजा उदाहरण है। ताम्बी पर लाहौर की कोट लखपत जेल में भारतीय कैदी सरबजीत की निर्मम हत्या करने का आरोप है। 2013 में सरबजीत की हत्या के समय आमिर सरफराज भी लाहौर की जेल में बंद था। सरफराज को दो अज्ञात गनमैन ने लाहौर में उस के घर में घुस कर गोलियों से उड़ा दिया। सरफराज के 25 गोलियां लगी थी और ज्यादा खून बह जाने से उसकी मौत हो गई। सरफराज को हाफिज सैयद के करीब माना जाता है। अभी तक पाकिस्तान में कुल मिला कर 27 आतंकवादियों को खत्म किया जा चुका है। ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने भी भारत सरकार की इस बदली हुई नीति पर खुल कर चर्चा की गई है। गार्जियन ने इस टारगेट किलिंग के लिए भारतीय खुफिया एजंसी रॉ को जिम्मेदार बताया है। अखबार ने रॉ की तुलना इजराइल की मोसाद और रूस की केबीजी से की है। भारत सरकार खुले तौर इस आरोप का खण्डन करती है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह किसी को मरना हमारी नीति नहीं है। लेकिन चुनाव प्रचार में घर में घुस कर मारेगे का नारा खूब चल रहा है। 

2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के चुरू में थे। इस बार मोदी बीजेपी के उम्मीदवार देवेंद्र झांझरिया के लिए प्रचार करने चुरू पहुंचे तो लोगों को याद दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत मां का शीश न झुकने देने का संकल्प उन्होंने पूरा करके दिखाया है। पाकिस्तानियों के दिलो की धड़कन तब बढ़ जाती है, मोदी कहते है दस साल में जो देखा वो ट्रेलर मात्र है। पिक्चर तो अभी बाकी है। मंत्री राजनाथ सिंह के मुंह पर घर में घुस कर मारेगे का जुमला सबसे ज्यादा फिट लगता है। पाकिस्तान में राजनाथ सिंह के बयान की ही सबसे ज्यादा चर्चा है।

गृह मंत्री अमित शाह कहते है कि यूपीए के राज में कोई भी कालिया, आलिया, जमालिया देश में आकर बम विस्फोट करके चला जाता था। लेकिन नरेंद्र मोदी के राज में यह सब कर पाना संभव नहीं रह गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर बड़ी जनसभाओं को संबोधित नहीं करते। जयशंकर पत्रकार वार्ता और थिंक टैंक में भारत की विदेश नीति की चर्चा करते दिख जाते है। जयशंकर का कहना है कि कोई सीमा के उस पार बैठ कर सोचे की उसका कुछ नहीं होगा तो यह गलत सोच है। योगी आदित्यनाथ का हमला कट्टरवाद और आंतरिक सुरक्षा पर केंद्रित रहता है। हेमंत विश्व शर्मा भी सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को देश के लिए खतरा बताते है।

बीजेपी नेता चुनाव प्रचार के दौरान राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण का जिक्र करना भी नहीं भूलते। जन कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं का भी उल्लेख रहता है। बीजेपी नेता इंडिया एलायंस की नकारात्मक राजनीति पर भी तंज करते है। देश और स्थान विशेष के मुद्दो को भी प्रचार में जगह दी जा रही है। 

बीजेपी के ठीक उलट विपक्षी गठबंधन का प्रचार अभियान काफी ढीला चल रहा है। सरकारी जिम्मेदारी निभाते हुए भी प्रधानमंत्री मोदी हर रोज तीन जनसभाएं कर रहे है। कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे मिल कर भी हर रोज तीन रैलियां नहीं कर पा रहे है। विपक्ष के पास न कोई नई बात है और न ही कार्यक्रम। महंगाई और बेरोजगारी का घिसा रिकार्ड जिस पर जनता विश्वास करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने अपने व्यवहार से अपने को आजादी के बाद की मुस्लिम लीग बना लिया है। एक तरफ बीजेपी चार सौ पार की लड़ाई लड़ रही है तो कांग्रेस बीजेपी की कुछ सीटे कम करने के लिए जोर लगा रही है। जनकारो का मानना है कि 18 वीं लोकसभा में कांग्रेस की गिनती तीस के पास सिमट सकती है। भारतीय लोकतंत्र के लिए इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ और नहीं हो सकता।