दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार अपनी हरकतों के चलते फंसते जा रहे है। जब से शराब घोटाले में ईडी का हाथ अरविंद केजरीवाल के कालर तक पहुंचा है, तब से ही केजरीवाल बचकाना हरकते कर रहे है। ऐसा ही कुछ आज कोर्ट में किया गया जिसका अदालत पर कोई असर नहीं हुआ।

सुनीता केजरीवाल ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल अदालत में ऐसे सबूत पेश करेंगे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। ईडी ने रिमांड खत्म होने के बाद 28 मार्च को अरविंद केजरीवाल को अदालत में पेश किया था। अरविंद केजरीवाल ने अदालत में बोलने की अनुमति मांगी। अदालत ने देखा कि केजरीवाल राजनीतिक भाषण दे रहे है। अदालत ने कहा कि केजरीवाल की बात रिकार्ड में जायेगी और इसे लिखित में भी जमा करवाना होगा। 

अरविंद केजरीवाल ने अदालत में वहीं पुरानी बातें ही दोहराई। जैसे कि ईडी उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है। उसे बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया गया है। ईडी कि चार्जशीट में सिर्फ चार बार उनका नाम आया है। एक सिटिंग मुख्यमंत्री को ऐसे गिरफ्तार किया जा सकता है क्या। ईडी के वकील ने केजरीवाल की बात का विरोध करते हुए बताया कि उनके पास पर्याप्त इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी मौजूद है। हद तो तब हो गई जब केजरीवाल ने कोर्ट के विवेक पर ही सवाल उठा दिए। केजरीवाल की बातों का अदालत पर कोई असर नहीं हुआ।केजरीवाल का ईडी रिमांड चार दिन के लिए और बड़ा दिया गया।

चार दिन के रिमांड के दौरान ईडी द्वारा केजरीवाल को पंजाब के एक्साइज कमिश्नर वरुण रूजम के सामने बिठा कर पूछताछ की जा सकती है। पंजाब के एक्साइज विभाग के अधिकारी शराब नीति के सिलसिले में होने वाले बैठकों में शामिल होने के लिए दिल्ली जाते थे।ईडी पिछले दिनों पंजाब में सरगर्म थी।ईडी ने ग्रेटर मोहाली एरिया विकास प्राधिकरण के अमरूद बगान घोटाले की जांच के लिए छापेमारी की थी। 130 करोड़ के अमरूद घोटाले में पंजाब के एक्साइज कमिश्नर वरुण रूजम और फिरोजपुर के डीसी राजेश धीमान भी शक के घेरे में है। छापेमारी शुरू होने पर माना जा रहा था कि ईडी का मुख्य मकसद दिल्ली के शराब घोटाले तक पहुंचना है।

ईडी द्वारा गोवा के आम आदमी पार्टी प्रमुख अमित पालेकर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी का आरोप है कि दिल्ली शराब घोटाले से मिली रकम में से 45 करोड़ रुपए गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में खर्च किया गया था। यह रकम हवाला द्वारा गोवा भेजी गई थी। ईडी रिमांड के दौरान अरविंद केजरीवाल को गोवा के अमित पालेकर के सामने भी बैठा सकती है।

जिक्रयोग्य है कि शराब घोटाले में नाम आने के बाद से ही अरविंद केजरीवाल बचकाना हरकते कर रहे है। नौ बार ईडी के सम्मन के बाद भी न जाना, जेल में रह कर सरकार चलाने की जिद करना, बार बार अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल से संदेश जारी करवाना ऐसे ही काम है। मंत्री आतिशी सिंह और सौरभ भारद्वाज द्वारा ईडी हिरासत से जारी केजरीवाल के फर्जी आदेश प्रेस को दिखाना भी कोई अच्छी रणनीति नहीं है। पता नहीं कौन से सलाहकार इनको यह सब सीखा रहा है।

इंडिया एलायंस की ओर से रविवार को दिल्ली के राम लीला मैदान में अरविंद केजरीवाल के समर्थन में रैली की जा रही है। यह वही राम लीला मैदान है, जहां से 12 वर्ष पहले अरविंद केजरीवाल ने स्वच्छ राजनीति के लिए शुरुआत की थी। इससे न कोर्ट पर कोई असर होने वाला है और न ही मतदाता पर।